‘व्यंग्यश्री सम्मान’ 2019 – प्रो. अशोक चक्रधर

हिंदी भवन, नई दिल्ली के संस्थापक और अपने समय के सर्वश्रेष्ठ व्यंग्यकारों में से एक पं. गोपाल प्रसाद व्यास के जन्म दिवस पर व्यंग्यविधा के किसी एक श्रेष्ठ रचनाकार को ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ देने की जो नींव 1997 में पड़ी थी। उस परंपरा को अनवरत जारी रखते हुए, इस वर्ष 13 फरवरी को हिंदी भवन में आयोजित हुए भव्य समारोह में इस बार का ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ प्रो. अशोक चक्रधर को प्रदान किया गया।

‘व्यंग्यश्री सम्मान’ से सम्मानित होने के बाद प्रो. अशोक चक्रधर ने श्री पुरुषोत्तम हिंदी भवन न्यास समिति के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘ वे अपने जीवन में जिन दो व्यक्तियों से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं, उनमें से एक गजानन माधव मुक्तिबोध तथा दूसरे पंड़ित गोपाल प्रसाद व्यास जी हैं। उन्होंने गजानन माधव मुक्तिबोध की एक कविता तथा श्रोताओं की मांग पर अपनी एक कविता ‘हँसी बड़ी करामाती चीज है’ भी सुनाई।

प्रो. अशोक चक्रधर हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध एवं कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक हैं । सन १९६२ में सोहन लाल द्विवेदी की अध्यक्षता में अपने पिता द्वारा आयोजित एक कवि सम्मेलन में युवा अशोक चक्रधर ने अपने मंचीय जीवन की पहली कविता पढ़कर पं.सोहनलाल द्विवेदी जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में निरंतर कार्यरत अशोक चक्रधर जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद, केन्द्रीय हिंदी संस्थान तथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के अंत मे धन्यवाद ज्ञापन देते हुए हिंदी भवन के अध्यक्ष श्री. टी.एन. चतुर्वेदी ने इस समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया गया।

हिन्दी भवन सभागार में आयोजित इस भव्य समारोह में हिन्दी और व्यंग्यप्रेमियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति थी,जिनमें दिल्ली के अनेक साहित्यकार, पत्रकार और समाजसेवी आदि प्रमुख थे।