सन 2003 का 'हिन्दी रत्न सम्मान’ अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त हिन्दी-कमेंटेटर पंजाबी भाषी श्री जसदेव सिंह को प्रदान किया।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. मुरलीमनोहर जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा- “हिन्दी को देश की ही नहीं, अपितु विदेशों में भी लोकप्रिय बनाने का कार्य श्री जसदेव सिंह ने अपनी आकर्षक कमेंट्री के द्वारा किया है।”
जसदेव सिंह अब तक विश्व के एकमात्र प्रसारक तथा लेखक हैं जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने अपने सर्वोच्च सम्मान ‘ओलम्पिक अवार्ड’ से नवाज़ा है।जसदेव सिंह सूरीनाम में सातवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य रहे हैं। उनकी भाषा में सामाजिक संस्कृति की गूंज सर्वत्र सुनाई पड़ती है।
डॉ. कृष्णदत्त पालीवाल और श्री अजय भल्ला ने राजर्षि टंडन, पं. भीमसेन विद्यालंकार एवं श्री जसदेव सिंह के हिन्दी में योगदान को रेखांकित किया। हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविन्द व्यास ने आगतुकों को हिन्दी भवन की प्रतिबद्धता एवं गतिविधियों से परिचित कराया।
इस सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार, बुद्धिजीवी एवं हिन्दी प्रेमियों की गरिमामयी उपस्थित रही।