सन 2017 का ‘हिन्दी रत्न’ सम्मान राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रबल पक्षधर एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रवासी भारतीय श्री पहलाद रामशरण (मॉरिशस) को प्रदान किया गया।
श्री कमलकिशोर गोयनका ने हिन्दीरत्न से सम्मानित पहलाद रामशरणजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहलादजी ‘हिन्दीरत्न’ सम्मान पाने के वास्तविक पात्र हैं।
मॉरिशस के उच्चायुक्त श्री जगदीश्वर गोवर्धन ने मॉरिशस की संस्कृति व इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी भवन ने पहलाद रामशरणजी को ‘हिन्दीरत्न’ से सम्मानित करके मॉरिशस का जो सम्मान बढ़ाया है ।
श्री पहलाद रामशरण ने ‘हिन्दीरत्न’ से सम्मानित होने पर हिन्दी भवन का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हिन्दी भवन ने मुझे सम्मानित करके भारत और मॉरिशस की माला में एक पुष्प पिरोया है। उन्होंने अपने संघर्षमय जीवन पर भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रभाव का भी उल्लेख किया।
अंत में वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविन्द व्यास ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद किया। मंच का कुशल संचालन श्रीमती सरला माहेश्वरी ने किया।
समारोह में दिल्ली के अनेक साहित्यकार, पत्रकार एवं हिन्दी प्रेमियों की काफी संख्या में गरिमामयी उपस्थिति रही।