जन्मशतियां

हिन्दी भवन के उद्देश्यों में हिन्दी साहित्य के पुरोधा एवं दिवंगत साहित्यकारों की जयंतियां और जन्मशतियां मनाना शामिल है। अपने पुरखों को श्रद्धा के साथ स्मरण करना तथा उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देना हम भारतीयों की पुनीत परंपरा रही है। दिवंगत साहित्यकारों की स्मृति-रक्षा के लिए हिन्दी भवन द्वारा कई युगांतरकारी साहित्यकारों की जन्मशतियां भव्य एवं वृहद स्तर पर मनाई गईं। इसका प्रारंभ ‘जैनेन्द्रकुमार जन्मशताब्दी समारोह’ से हुआ।