डॉ. सीएच निशान

राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन की 134 वीं जयंती के अवसर पर प्रख्यात पत्रकार पंडित भीमसेन विद्यालंकार की स्मृति में प्रतिवर्ष हिन्दी भवन द्वारा दिया जाने वाला ‘हिन्दीरत्न सम्मान’ राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रबल पक्षधर, वरिष्ठ लेखक मणिपुरीभाषी डॉ. सीएच निशान निड.तम्बा एवं कश्मीरीभाषी विदूषी डॉ. बीना बुदकी को संयुक्त रूप से हिन्दी भवन सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।

यह सम्मान उन्हें सुप्रसिद्ध रंगकर्मी एवं संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री शेखर सेन, हिन्दी�भवन के अध्यक्ष त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी एवं हिन्दीरत्न से सम्मानित मणिपुरीभाषी आचार्य राधागोविन्द थोंङाम एवं कश्मीरीभाषी प्रो. चमनलाल सप्रू, हिन्दी भवन की न्यासी डा. रत्ना कौशिक तथा हिन्दी भवन के कोषाध्यक्ष श्री हरिशंकर बर्मन ने क्रमश भेंट किया। सम्मान स्वरूप उन्हें रजत श्रीफल, शॉल, सरस्वती प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र एवं 51-51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।

समारोह के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध रंगकर्मी श्री शेखर सेन ने कहा कि देश को एक सूत्र में बांधने के लिए हिन्दी एक ऐसी भाषा है जो पूरे देश को जोड़ सकती है। मैंने दो वर्ष का संकल्प लिया कि हिन्दी छोड़कर और किसी भाषा में नहीं बोलूंगा। कोई अंग्रेजी का साहित्यकार गलत अंग्रेजी नहीं बोलता, उर्दू का शायर या लेखक गलत उर्दू नहीं बोलता लेकिन हिन्दीभाषी अशुद्ध हिन्दी बोलते हैं तो बहुत तकलीफ होती है। यदि आप हिन्दी से प्यार करते हैं तो उसे अपने जीवन में रोपित कीजिए। हिन्दीरत्न से सम्मानित होने के उपरांत मणिपुरीभाषी डॉ. सीएच निशान निड.तम्बा ने कहा कि हिन्दी भवन ने मुझे ‘हिन्दीरत्न सम्मान’ के योग्य समझा इसके लिए मैं हिन्दी भवन का हृदय से आभारी हूं।

कश्मीरीभाषी डॉ. बीना बुदकी ने कहा कि मैं हिन्दी भवन न्यास समिति का हार्दिक धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मुझे इस सम्मान से नवाजा। उन्होंने कहा कि भाषा का बीज जमीन में नहीं, दिल में डाला जाता है। मुझे हिन्दी से ऐसा इश्क हो गया है कि वह जनून बन गया है। समारोह के विशिष्ट अतिथि मणिपुरीभाषी आचार्य राधागोविन्द थोंङाम एवं कश्मीरीभाषी प्रो. चमनलाल सप्रू ने डॉ. सीएच निशान निड.तम्बा व डॉ. बीना बुदकी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। हिन्दी भवन के अध्यक्ष श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी ने राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन एवं पं. भीमसेन विद्यालंकार को याद किया और डॉ. निशान निड.तम्बा एवं डॉ. बीना बुदकी को हिन्दीरत्न बनने पर बधाई दी।

समारोह का कुशल संचालन श्रीमती प्रभा जाजू ने किया। समारोह के प्रारंभ में हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविन्द व्यास ने हिन्दीरत्न सम्मान एवं राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन तथा भीमसेन विद्यालंकार की संक्षिप्त जानकारी देते हुए समारोह के संचालन का दायित्व श्रीमती प्रभा जाजू को सौंप दिया। समारोह में राजधानी के साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं राज-समाज सेवी काफी संख्या में मौजूद थे। जिनमें प्रमुख हैं सर्वश्री रामनिवास जाजू, शेरजंग गर्ग, महेशचन्द्र शर्मा, निधि गुप्ता, इन्दिरा मोहन, रत्ना कौशिक, अतुल प्रभाकर, महिमानंद द्विवेदी, सुशीलकुमार गोयल, आशीष कंधवे, अशोक वशिष्ठ, हरिसिंह पाल, भारत भारद्वाज, रवीन्द्र नागर, बी. एल. गौड़, वेद व्यथित, ओम सपरा, रामगोपाल शर्मा, सुरेश उनियाल, सत्यपाल सुष्म, अनिल मीत, सुशील सिद्धार्थ, ममता शर्मा, नरेश शांडिल्य, शशिकांत, वीरेन्द्र सक्सेना, सुषमा भंडारी, अरूण भल्ला, रामपाल विद्यालंकार, राकेश टंडन, पूर्णचन्द्र टंडन, सुरेन्द्र महोन तरूण, डॉ. ओ. पी. शर्मा, शान्ति शर्मा, सर्वेश चंदोसवी आदि।