

पं. गोपाल प्रसाद व्यास रचनावली का लोकार्पण
25 मई, 2025 को नई दिल्ली के हिन्दी भवन सभागार में नौ खण्डों और तेरह भागों में प्रकाशित ‘‘पं. गोपाल प्रसाद व्यास रचनावली’’ का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया।
पं. गोपाल प्रसाद व्यास जी के प्रशंसकों, पाठकों, पत्रकारों, साहित्यकारों और गणमान्य व्यक्तियों से भरे सभागार में इस समारोह के मुख्य अतिथि राज्यसभा के उप-सभापति एवं प्रसिद्ध पत्रकार श्री हरिवंश नारायण सिंह जी ने रचनावली का लोकार्पण करते हुए कहा कि इस रचनावली का लोकार्पण करना मेरे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि व्यास जी के बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व को किसी एक विधा में नहीं बांधा जा सकता। वे हिन्दी भवन के संस्थापक, प्रसिद्ध पत्रकार, स्तम्भकार, कवि, लेखक, व्यंग्यकार, संयोजक, संपादक और महान हिन्दी सेवी के रूप में हमेशा याद किये जाते रहेंगे तथा यह रचनावली व्यास जी के असंख्य चाहने वालों के लिए आनन्द और ज्ञान का स्रोत सिद्ध होगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड के प्रथम राज्यपाल एवं भारत के कैबिनेट सचिव रहे श्री प्रभात कुमार जी ने की। कार्यक्रम के आरम्भ में व्यास जी की पुत्री एवं हिन्दी भवन की सहमंत्री डॉ. रत्नावली कौशिक ने व्यास जी के जीवन के संघर्षों और उनके पारिवारिक व साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ. अशोक चक्रधर ने अपने भावपूर्ण वक्तव्य में कहा कि ‘‘पं. गोपाल प्रसाद व्यास रचनावली’’ को अगर आपको पढ़ना है तो उसे उनका ही होकर पढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 50 वर्षों तक ‘‘दैनिक हिन्दुस्तान’’ में ‘‘नारद जी खबर लाये हैं’’ और ‘‘यत्र तत्र सर्वत्र’’ जैसे स्तम्भ लिखकर उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
इस अवसर पर अत्यंत प्रतिष्ठित लाल किला कवि सम्मेलन के लगातार 25 वर्षों तक संयोजक रहे पंडित गोपाल प्रसाद व्यास के साथ अनेक बार कविता पाठ कर चुके प्रसिद्ध कवि डॉ अशोक चक्रधर जी ने व्यास जी के साहित्यिक अवदान को याद करते हुए कहा कि उस समय की साहित्यिक और सामाजिक सक्रियता का ही प्रतिफलन है यह हिंदी भवन।हिंदी के उत्थान के लिए व्यास के द्वारा किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया।
पं. गोपाल प्रसाद व्यास जी की इस रचनावली का संपादन व्यास जी के पुत्र एवं हिन्दी भवन के मंत्री डॉ.गोविन्द व्यास जी तथा इस प्रकाशन श्री सुरेन्द्र मलिक (नेशनल पब्लिशिंग कम्पनी) के द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम के अंत में हिन्दी भवन के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चन्द्र मिश्र ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।