व्यंग्य-विनोद के शीर्षस्थ रचनाकार, वाचिक परंपरा के उन्नायक, अपने समय के प्रतिष्ठित पत्रकार, ब्रज साहित्य के मर्मज्ञ, हिन्दीसेवी एवं हिन्दी भवन के संस्थापक पंडित गोपालप्रसाद व्यास के जन्मशती समारोह वर्ष के उपलक्ष्य में उनकी काव्य-कृति रास-रसामृत से प्रेरित नृत्य-नाटिका ‘महारास एवं मनोहारी मयूर नृत्य तथा फूलों की होली’ का आयोजन गत दिवस हिन्दी भवन सभागार में स्वास्तिक रंगमण्डल, मथुरा के कलाकारों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय खयाति प्राप्त श्रीमती वन्दना सिंह के निर्देशन में किया गया।
इस कार्यक्रम में जहां एक ओर मयूर नृत्य ने दर्शकों को मोहित कर दिया वहीं दूसरी ओर फूलों की होली के माध्यम से दर्शकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का संदेश भी दिया गया। श्री मोहनस्वरूप भाटिया (पूर्व उपाध्यक्ष, उत्तरप्रदेश हिन्दी संगीत नाटक अकादमी) के संयोजन में देर रात तक चले इस कार्यक्रम का श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया।
राजधानी के लेखकों, पत्रकारों एवं राज-समाजसेवियों से खचाखच भरे हिन्दी भवन सभागार में उपस्थित जनों में प्रमुख हैं सर्वश्री निर्मला जैन, रामनिवास जाजू, शेरजंग गर्ग, प्रदीप पंत,रमा पाण्डेय, प्रेम जनमेजय, उषा पुरी, रत्ना कौशिक, महेशचन्द्र शर्मा, हरीशंकर बर्मन, संतोष माटा, निधि गुप्ता, रवीन्द्र नागर, महिमानंद द्विवेदी, किशोरकुमार कौशल, महेन्द्र शर्मा, रघुनंदन शर्मा ‘तुषार’, सुशीलकुमार गोयल, आशीष कंधवे, निशा भार्गव, भारत भारद्वाज, भरत तिवारी, सुरेश बिन्दल, शीला झुनझुनवाला, कमला सिंघवी, पवन चौधरी मनमौजी, वीरेन्द्र प्रभाकर तथा गिरीश भालवर आदि। अंत में हिन्दी भवन के मंत्री एवं वरिष्ठ व्यंग्य कवि डॉ. गोविन्द व्यास ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।