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लोकप्रिय व्यंग्य कविताएं
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लोकप्रिय व्यंग्य कविताएं
बोए गुलाब
अब मूर्ख बनो
सांप ही तो हो
सत्ता
क्या सोचा
कवि हूं प्रयोगशील
भाषण दो
लालाजी के कुत्ते
चला जा
सुकुमार गधे
व्यंग्य कोई कांटा नहीं
ईश्वर के घर लूट हुई
फर्क़ आदमी और जानवर में
कांटों ने हमें खुशबू दी है
सरकार कहते हैं
विडम्बना
सीखा पशुओं से