हिन्दी रत्न 2000 – श्री राधागोविंद थोंङाम

सन 2000 का 'हिन्दी रत्न सम्मान' मणिपुरी भाषी एवं पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी-चेतना के उन्नायक श्री राधागोविंद थोंङाम को प्रदान किया गया।

समारोह के अतिथि वरिष्ठ सांसद डॉ. विजयकुमार मल्होत्रा ने श्री राधागोविंदजी को सम्मानित किया।मणिपुरीभाषी आचार्य राधागोविन्द थोंङाम पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी के उन्नायक के रूप में समादृत किए जाते हैं। मणिपुरीभाषी होते हुए भी आचार्यजी का समग्र चिंतन साधिकार रूप से सन्‌ 1960 से हिन्दी में ही अधिक प्रकट हुआ है।

पंडित भीमसेन विद्यालंकार की साध्वी पत्नी श्रीमती वेदकुमारीजी के साथ हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक इस सम्मान समारोह के विशिष्ट वक्ता थे।

हिन्दी के प्रतिष्ठित प्रकाशक और राजपाल एंड संस के संचालक श्री विश्वनाथ एवं हिन्दी भवन के आजीवन न्यासी और समाजसेवी श्री सत्यनारायण बंसल आदि का सान्निध्य रहा।

समारोह का शुभारंभ ‘स्वरांजलि’ के कलाकारों द्वारा राष्ट्र-वंदना से किया गया। समारोह का संचालन श्री देव राजेन्द्र ने किया।

इस सम्मान समारोह में दिल्ली के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक,पत्रकार, समाज सेवी और हिंदी प्रेमियों की बड़ी संख्या में गरिमामयी उपस्थिति रही।