सांप ही तो हो………

सांप,
दो – दो जीभें होने पर भी
भाषण नहीं देते ?
आदमी न होकर भी
पेट के बल चलते हो
यार !
हम तुम्हारे फूत्कार से नहीं डरते
सांप ही तो हो,
भारत के रहनुमा तो नहीं हो !

(‘हास्य सागर’ से, सन् 1996)