‘स्वामी विवेकानन्द’ एकल नाट्य – 24 नवम्बर, 2012

हिन्दी भवन के पूर्व अध्यक्ष स्व. धर्मवीर (आई. सी. एस.) की स्मृति एवं स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयंती के अवसर पर विश्वविख्यात कलाकार, अनूठे गायक और संगीतकार शेखर सेन ने अपने एकल नाट्य ‘स्वामी विवेकानन्द’ की 207वीं प्रस्तुति हिन्दी भवन सभागार में 24 नवम्बर, 2012 को प्रस्तुत की। स्वामी विवेकानन्द के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित इस नाट्य मंचन को देखकर उपस्थित जनसमुदाय भावविभोर हो गया।

कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल एवं हिन्दी भवन के अध्यक्ष श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी के सान्निध्य में आयोजित इस नाट्य मंचन में श्री शेखर सेन ने स्वामी विवेकानन्द के आध्यात्मिक चिंतन, दर्शन एवं सामाजिक सरोकार को अपनी प्रस्तुति कौशल द्वारा जीवंत कर दिया।

इस आयोजन का संचालन सुपरिचित उद्घोषिका सुश्री वारूपी गुप्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी भवन के मंत्री एवं प्रसिद्ध व्यंग्य कवि डॉ. गोविन्द व्यास ने किया।

हिन्दी भवन के खचाखच भरे सभागार में इस एकल नाट्य ‘स्वामी विवेकानन्द’ का भरपूर आनंद प्राप्त करने के लिए राजधानी के साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं हिन्दीप्रेमी भारी संख्या में मौजूद थे। जिनमें प्रमुख हैं सर्वश्री बालस्वरूप राही, शेरजंग गर्ग, रामनिवास जाजू, रोशनलाल अग्रवाल, पुष्पा राही, मनोहर पुरी, रामनिवास लखोटिया, हरीशंकर बर्मन, महेशचन्द्र शर्मा, राजेन्द्र मोहन, संतोष माटा, हेना चक्रवर्ती, अनिल वर्मा मीत, प्रदीप पुष्प, मुकेश जैन, पुरुषोत्तम वज्र, इन्दिरा मोहन, अनिल जोशी, अरूण बर्मन, उषा पुरी, राहुलदेव, प्रो. इसिदा (हिन्दी प्रो., जापान), सर्वेश चंदौसवी, निधि गुप्ता, देवेन्द्र आर्य, बी. एल. गौड़, अरुणकुमार जैमिनी आदि।