शुक्रवार, 11 मई, 2012 को हिन्दी भवन और आलमी उर्दू ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मशहूर लेखक ‘सआदत हसन मंटो’ की जन्मशती वर्ष का उदघाटन समारोह हिन्दी भवन सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें हिन्दी-उर्दू के प्रमुख लेखक, पत्रकार और साहित्यकार काफी संख्या में उपस्थित थे।
श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी (हिन्दी भवन के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यपाल कर्नाटक) की अध्यक्षता में आयोजित इस आयोजन का प्रारंभ भारत सरकार के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री एस. वाई. कुरैशी ने शमा रोशन करके किया। उर्दू विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष प्रो. सादिक ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि मंटो साहब अपने जमाने के नगमा निगार थे। उन्होंने तर्जुमे किए, उसके बाद अफसाने लिखे और रेडियो के लिए प्रारंभिक दौर के नाटक भी लिखे।
डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने कहा कि मंटो जैसा साहित्यकार न पहले हुआ न उसके बाद । भारत विभाजन के बाद उन्होंने जो लिखा वह काबिले तारीफ है। उन्होंने तीन-तीन लाइनों के अफसाने भी लिखे।
हिन्दी भवन के मंत्री एवं वरिष्ठ व्यंग्य कवि डॉ. गोविन्द व्यास ने मंटो साहब के लेखन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी भवन सभी भारतीय भाषाओं को साथ लेकर चलने के लिए कटिबद्ध है, इसी में सभी भारतीय भाषाओं का विकास संभव है।
डोगरी की प्रसिद्ध कवयित्री पद्मा सचदेव ने कहा कि मंटो साहब के पुरखे जम्मू कश्मीर के थे। कुदरत ने हमें मंटोजी के रूप में एक ऐसा कोहेनूर दिया जो सदैव जगमगाता रहेगा।
आलमी उर्दू ट्रस्ट के अध्यक्ष ए. रहमान ने मंटो साहब को याद करते हुए कहा कि हिन्दी और उर्दू दोनों बहनें हैं। मंटो उर्दू में जितने प्रसिद्ध है, उससे ज्यादा हिन्दी में भी हैं। इस अवसर पर ए. रहमान द्वारा संकलित मंटो की चुनिंदा 25 कहानियों के एक संकलन का भी लोकार्पण किया गया।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि मैं उन भाग्यशाली लोगों में से हूं जिन्होंने मंटो साहब को बहुत करीब से देखा और उनके अधिकांश साहित्य को पढ़ा भी।
इनके अतिरिक्त सर्वश्री मतीन अमरोही, डॉ. केवल धीर, शकील शम्सी (संपादक, इंकलाब, दिल्ली) असद रज़ा (संपादक, राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली) अख़्तर उलवासे (उपाध्यक्ष, उर्दू अकादमी, दिल्ली) आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। हिन्दी भवन की ओर से भाषायी सीमाओं को तोड़कर सभी भाषाओं की मिल-जुल कर प्रगति एवं विकास के लिए इस प्रयास की सभी ने मुक्त-कंठ से प्रशंसा की।
अंत में आलमी उर्दू ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री ए. रहमान ने उपस्थित सज्जनों का धन्यवाद किया।