हिन्दी रत्न 2008 – श्री नवजोत सिंह सिद्धू

सन 2008 का हिन्दी रत्न सम्मान’ अपनी काव्यात्मक, मुहावरेदार और टकसाली हिन्दी को जन-जन तक पहुंचाने वाले विख्यात क्रिकेटर, कमेंटेटर और टीवी सितारे श्री नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदान किया गया।

इस अवसर पर श्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह पंजाबी होने से पहले एक हिन्दुस्तानी हैं। मेरे लिए हिन्दी मात्र भाषा ही नहीं है, बल्कि वाणी है, संस्कृति है और मेरी अस्मिता है। ‘हिन्दीरत्न सम्मान’ मिलना मेरे लिए एकदम अप्रत्याशित है तथा मुझे हिन्दी के प्रचार-प्रसार में और अधिक जिम्मेदारी से लगने के लिए प्रेरित करने वाला है।

इस अवसर पर हिन्दीनिष्ठ लोकप्रिय सांसद और मुख्य अतिथि सुषमा स्वराज ने कहा कि टंडनजी के बारे में पढ़ा है, सिद्धूजी के बारे में जानती ही हूं। जिस आर्य गर्ल्स कॉलेज की स्थापना पं. भीमसेनजी ने अंबाला में की वह मेरे घर की बगल में ही है।

दिल्ली की महापौर और विशिष्ट अतिथि आरती मेहरा ने कहा कि मैं अपनी तथा दिल्ली की जनता की ओर से सिद्धूजी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूँ।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी ने श्री सिद्धू को ‘हिन्दीरत्न सम्मान’ से सम्मानित करने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि हिन्दी भवन ने आज लीक से हटकर एक ऐसे गैर साहित्यिक अहिन्दीभाषी को सम्मानित किया है।

इस अवसर पर भारतीय दर्शन के अध्येता, चिंतक एवं शिक्षाविद् स्व. प्रो. इन्द्रचन्द्र शास्त्री के तैल- चित्र का अनावरण भी किया गया समारोह का संचालन सुश्री अलका सिन्हा ने किया।

इस आयोजन में दिल्ली के अनेक साहित्यकार, पत्रकार, प्रबुद्ध समाज और हिंदी प्रमियों को बड़ी संख्या में गरिमामयी उपस्थिति रही।