सन 2007 का ‘हिन्दी रत्न सम्मान’ गुजराती भाषी और बोलचाल की हिन्दी को नया आयाम देने वाले श्री अमीन सायानी को प्रदान किया गया।
मशहूर कमेंटेटर श्री जसदेव सिंह ने बताया कि कैसे कमेंटरी का चस्का लगते ही वह हिन्दी के दीवाने बन गए। उन्होंने कहा -“जुबान का जादू सिर चढ़कर बोलता है। लोग अमीन साहब को सुनते-सुनते बूढ़े हो गए, लेकिन उनकी आवाज़ आज भी जवान है।”
सांसद और मशहूर नायक श्री शत्रुघ्न सिन्हा ने अमीन साहब को बधाई देते हुए उन्होंने मातृभाषा को संस्कार के लिए, राष्ट्रभाषा को व्यवहार के लिए और विदेशी भाषा को व्यापार के लिए आवश्यक बताया।
नजमाजी ने कहा- “मेरा और अमीन भाई का तीन पुश्तों का साथ है। जंगे आज़ादी में उनकी मां कुलसुम सायानी, जो कि गांधीजी की शिष्या थीं, ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अमीन सायानी को देशभक्ति विरासत में मिली है और उनके कंठ में सरस्वती का वास है। हिन्दी और उर्दू हमारे देश की पैदावार हैं। एक सीधे हाथ से तो दूसरी उल्टे हाथ से लिखी जाती है। सभी को पता है की जब दोनों हाथ मिलते हैं तो ताली बजती है।”
अमीन सायानी ने सम्मान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि “रेडियो प्रोग्राम सुनाई पड़ने के बजाय दिखाई पड़े तो मज़ा आता है। जसदेव सिंह में यही कला है। उन्होंने रेडियो के ज़रिए हमें मैच दिखा दिए।”
हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविन्द व्यास ने धन्यवाद देते हुए कहा कि अमीन सायानी गंगा-जमुनी संस्कृति के प्रतीक हैं। वह हमारी सांझी सभ्यता की अमूल्य धरोहर हैं।
इस समारोह में दिल्ली के कई साहित्यकार,पत्रकार,प्रबुद्ध समाज सेवी और हिंदी प्रमियों की बड़ी संख्या में गरिमामयी उपस्थिति रही।