हिन्दी रत्न 1999 – सुश्री बी. एस. शांताबाई

सन 1999 में दूसरा ‘हिन्दी रत्न सम्मान’ राष्ट्रभाषा हिन्दी की अनन्य सेविका कन्नड़भाषी सुश्री बी. एस. शांताबाई को प्रदान किया गया। अपने लंबे जीवन काल में उन्होंने कर्नाटक की महिलाओं को हिंदी भाषा में प्रति अनुराग की दीप ज्योति और उनकी रोशनी को घर-घर में पहुंचाया। उन्होंने हिंदी और कन्नड़ भाषियों के बीच सांस्कृतिक सेतु का काम किया है

इस सम्मान समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी श्री सत्यनारायण बंसल जी थे।दिल्ली की महापौर डॉ. अनिता आर्य जी उपस्थिति में यह सम्मान दिया गया।

समारोह को प्रसिद्ध गांधीवादी साहित्यकार श्री यशपाल जैन का सान्निध्य प्राप्त हुआ। विशिष्ट वक्ता थे- सर्वश्री प्रो. वेदव्रत, डॉ. शांता मल्होत्रा एवं चमनलाल सप्रू आदि।

इस अवसर पर गीतकारद्वय श्री सोमठाकुर और श्री संतोषानंद ने अपने काव्यपाठ से श्रोताओं को रसविभोर कर दिया।

इस समारोह में दिल्ली के अनेक साहित्यकार, लेखक,पत्रकार, समाज सेवी और हिंदी प्रेमियों की विशेष रूप से गरिमामयी उपस्थिति रही।