अपने समय के सर्वश्रेष्ठ व्यंग्यकारों में से एक तथा हिंदी भवन, नई दिल्ली के संस्थापक पं. गोपाल प्रसाद व्यास के जन्म दिवस पर व्यंग्यविधा के किसी एक श्रेष्ठ रचनाकार को ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ देकर प्रतिष्ठित किए जाने की परंपरा हिंदी भवन में 1997 में प्रारंभ की गई थी, जिसे अनवरत जारी रखते हुए इस वर्ष 13 फरवरी की शाम को हिंदी भवन में आयोजित हुए भव्य समारोह में यह ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ प्रो. अशोक चक्रधर को प्रदान किया गया।
सम्मान प्राप्त करने पर श्री पुरुषोत्तम हिंदी भवन न्यास समिति का आभार व्यक्त करते हुए प्रो. अशोक चक्रधर ने कहा कि वे अपने जीवन में जिन दो व्यक्तियों से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं उनमें से एक श्री गजानन माधव मुक्तिबोध तथा दूसरे पंड़ित गोपाल प्रसाद व्यास जी हैं। उन्होंने गजानन माधव मुक्तिबोध की एक कविता तथा श्रोताओं की मांग पर अपनी भी एक कविता ‘हँसी बड़ी करामाती चीज है’ सुनाई।
हिंदी भवन के अध्यक्ष श्री टी.एन. चतुर्वेदी द्वारा रजत श्रीफल भेंट कर, मंत्री प्रो. गोविन्द व्यास द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर, कोषाध्यक्ष श्री हरीशंकर बर्मन द्वारा सम्मान राशि का चैक देकर तथा हिंदी भवन की ट्रस्टी सुश्री निधि गुप्ता द्वारा तिलक लगाकर उत्सव पुरुष प्रो. अशोक चक्रधर को सम्मानित किया गया।
अंत में हिंदी भवन के अध्यक्ष श्री टी.एन. चतुर्वेदी द्वारा समारोह में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया गया।