हिन्दी में उत्कृष्ट व्यंग्य-लेखन एवं शोधकार्य के लिए डॉ. शेरजंग गर्ग को पहला ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ प्रदान किया गया। डॉ. गर्ग का जन्म 29 मई, 1937 को देहरादून (उत्तराखंड) में हुआ। हिन्दी में व्यंग्य-ग़ज़लें और इनका शोध-प्रबंध ‘स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी-कविता में व्यंग्य’ चर्चित रहे। ‘बाज़ार से गुज़रा हूं’, ‘दौरा अंतर्यामी का’, ‘क्या हो गया कबीरों को’ और ‘रिश्वत-विषवत’ डॉ. गर्ग की प्रमुख व्यंग्य-कृतियां हैं। ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ समारोह में सर्वश्री गोविंदप्रसाद केजरीवाल, डॉ. प्रेम जनमेजय, डॉ. रत्ना कौशिक, सुरेन्द्र शर्मा, अल्हड़ बीकानेरी और सरोजिनी प्रीतम ने भाग लिया। समारोह की अध्यक्षता ‘जनसत्ता’ के कार्यकारी संपादक श्री राहुल देव ने की।