व्यंग्य श्री सम्मान

13 फरवरी, 1996 की संध्या। स्थान-हिन्दी भवन। हिन्दी के शिरोमणि हास्य-व्यंग्यकार पं. गोपालप्रसाद व्यास का जन्म दिवस समारोह। समारोह में व्यासजी के उद्गार – ‘मेरा जन्मदिन प्रतिवर्ष मेरे हितैषी, संगी-साथी और हिन्दी-प्रेमीजन धूमधाम से मनाते हैं। मेरी उम्र बढ़ रही है। आज मेरे मन में एक सुझाव है कि मेरे जन्मदिवस को ‘व्यंग्य-विनोद दिवस’ के रूप में मनाया जाए और इस दिन व्यंग्य-विनोद के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसी एक व्यंग्यकार को सम्मानित किया जाए।’

इस तरह 13 फरवरी, 1997 से शुरुआत हुई ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ की।

इस सम्मान के अंतर्गत सम्मानित व्यक्तित्व को एक लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र, श्रीफल एवं शॉल आदि से सम्मानित किया जाता है।