‘रसवंती काव्य संध्या’ – 28 मई, 2015

हिन्दी भवन द्वारा व्यंग्य-विनोद के शीर्षस्थ रचनाकार, हिन्दी की वाचिक परंपरा के उन्नायक एवं हिन्दी भवन के संस्थापक पंडित गोपालप्रसाद व्यास की जन्मशती समापन समारोह के उपलक्ष्य में बृहस्पतिवार 28 मई, 2015 को हिन्दी भवन सभागार में ‘रसवंती काव्य संध्या’ का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में वरिष्ठ व्यंग्य कवि एवं हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविन्द व्यास ने आमंत्रित कवियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए कवियों को मंच पर आमंत्रित किया।

हिन्दी भवन की न्यासी डॉ. रत्ना कौशिक ने व्यासजी के संबंध में अनेक संस्मरण सुनाते हुए उनके हिन्दी साहित्य में योगदान को रेखांकित किया।

काव्य संध्या का प्रारंभ सुप्रसिद्ध गीतकार श्री संतोष आनंद के इस गीत से हुआ-

अब ना रहे वो रांझे, अब ना रही वो हीर,
जमाना बदल गया है।
हम-तुम रहे फकीर, जमाना बदल गया है।
साज बना आवाज खो गई,
ताज बना मुमताज सो गई
आंसू के घर रहन पड़ी है,
शायर की तकदीर
जमाना बदल गया है।

मुंबई से पधारी यशस्वी गीतकार श्रीमती माया गोविन्द ने कहा—

हमने डाले बीज प्यार के
उसने कांटे बोए
उन कांटों से लिपट लिपट हम
रात रात भर रोए
दुनिया भर के दर्दों का जवाब हो गए,
कांटे सहते सहते हम गुलाब हो गए।

पद्मभूषण वरिष्ठ गीतकार श्री गोपालदास नीरज ने कहा-

छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों,
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है।
माला बिखर गई तो क्या है, खुद ही हल हो गयी समस्या,
आंसू गर निलाम हुए तो, समझो पूरी हुई तपस्या
रुठे दिवस मनाने वालों, फटी कमीज सिलाने वालों
कुछ दीपों के बुझ जाने से, आंगन नहीं मरा करता है।

देर रात तक चली इस काव्य संध्या में श्रोताओं को अपने-अपने गीतों से उक्त तीनों कवियों ने मंत्रमुग्ध कर दिया। इस काव्य संध्या का समापन श्रीमती माया गोविन्द के इस गीत से हुआ-

जो प्यास में पलती है, उसे प्रीत कहेंगे,
जो हार के मिलती है, उसे जीत कहेंगे,
जो वक्त पे काम आए, उसे मीत कहेंगे,
जो मर्म को छू जाए, उसे गीत कहेंगे।

हिन्दी भवन के अध्यक्ष श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी के सान्निध्य में आयोजित इस काव्य संध्या में राजधानी के लेखक, पत्रकार, हिन्दीप्रेमी एवं समाजसेवी काफी संख्या में उपस्थित थे।

जिनमें प्रमुख हैं सर्वश्री रामनिवास लखोटिया, महेशचन्द्र शर्मा, निधि गुप्ता, संतोष माटा, सुशीलकुमार गोयल, हरीशंकर बर्मन, बालस्वरूप राही, लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, पुष्पा राही, हरीसिंह पाल, महेन्द्र शर्मा, पद्मचन्द गुप्ता, रमा पाण्डे, रेखा व्यास, सरोज भरतिया, अरविन्द कौशिक, किशोर कुमार कौशल, विरेन्द्र गुप्ता आदि।