‘महाकवि सूरदास’ पर शेखर सेन की एकल संगीतमय नाट्‌य प्रस्तुति

व्यंग्य-विनोद के शीर्षस्थ रचनाकार, वाचिक परंपरा के उन्नायक, प्रतिष्ठित पत्रकार, ब्रज साहित्य के मर्मज्ञ, निष्ठावान हिन्दी सेवी एवं हिन्दी भवन के संस्थापक पं. गोपालप्रसाद व्यास की पुण्यतिथि के अवसर पर भक्ति, वात्सल्य और वियोग शृंगार के असाधारण चितेरे ‘महाकवि सूरदास’ की संगीतमय एकल प्रस्तुति विश्वविख्यात कलाकार अनूठे गायक श्री शेखर सेन ने २८ मई की संध्या को हिन्दी भवन सभागार में प्रस्तुत की। महाकवि सूरदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित इस नाट्‌य मंचन को देखकर उपस्थित जनसमुदाय भावविभोर हो उठा।

हिन्दी भवन के अध्यक्ष एवं कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी के सान्निध्य में आयोजित इस नाट्‌य मंचन में श्री शेखर सेन ने महाकवि सूरदास के आध्यात्मिक चिंतन, दर्शन, कृष्ण की बाललीला एवं सामाजिक सरोकार को अपनी प्रस्तुति कौशल द्वारा जीवंत कर दिया। इस आयोजन का संचालन सुप्रसिद्ध व्यंग्य कवि एवं हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविन्द व्यास ने किया। हिन्दी भवन के खचाखच भरे सभागार में इस एकल नाट्‌य ‘महाकवि सूरदास’ का भरपूर आनंद प्राप्त करने के लिए राजधानी के साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं हिन्दीप्रेमी भारी संख्या में मौजूद थे।

जिनमें प्रमुख हैं सर्वश्री पद्‌मा सचदेव, शेरजंग गर्ग, जसदेव सिंह, किशोर कुमार कौशल, ममता आशुतोष, ओ. पी. शर्मा, नूतन कपूर, गिरीश भालवर, चमनलाल सप्रू, सर्वेश चंदौसवी, रोशनलाल अग्रवाल, महेशचन्द्र शर्मा, हरीशंकर बर्मन, इन्दिरा मोहन, गीता चन्द्रन, संतोष माटा, रत्ना कौशिक, सुशील कुमार गोयल, निधि गुप्ता, मुसाफिर देहलवी, राधेश्याम बंधु, रमेश डाबर, सत्या कोहली, मधु गुप्ता, प्रभा किरण जैन, रेखा व्यास, अमृता शर्मा, ममता आशुतोष, हेना चक्रवर्ती आदि।