हिन्दी में हास्य-रस के पर्याय काका हाथरसी से कौन अपरिचित है ? देश-विदेश में अपनी हास्य-रस की फुलझड़ियों से हंसी बिखेरने वाले काका हाथरसी का जन्मशती समारोह 18 सितम्बर, 2006 को हिन्दी भवन में भव्यता के साथ संपन्न हुआ।
हिन्दी भवन का सभागार खचाखच भरा था और हर तीन-चार मिनट पर सभागार में जोरदार ठहाके गूंज रहे थे। जन-जन के प्रिय हास्य-ऋषि काका हाथरसी जन्मशती समारोह की अध्यक्षता साहित्य और संस्कृतिप्रेमी राजनेता श्री वसंत साठे ने की और सान्निध्य रहा श्री सत्यव्रत चतुर्वेदी का। इस अवसर पर प्रख्यात चित्रकार श्री शेषचन्द्र गुप्त द्वारा बनाए गए पद्मश्री काका हाथरसी के तैल-चित्र का अनावरण श्री साठे द्वारा किया गया।
काका की हास्य-कविताओं की सी.डी “काका के हंसगुल्ले” का लोकार्पण भी इस अवसर पर हुआ। व्यंग्य-विनोद के सुपरिचित कवि डॉ. अशोक चक्रधर ने काका पर केन्द्रित एक दृश्य-श्रव्य प्रस्तुति प्रदर्शित की, जिसमें काका के संघर्षमय जीवन की झांकी, उनके यादगार क्षणों की मार्मिक छवियां और अपने परिजनों के बीच काका के अविस्मरणीय पल समाहित थे।
काका हाथरसी जन्मशती समारोह का आयोजन हिन्दी भवन एवं काका हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से किया। समारोह का संचालन हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविन्द व्यास और डॉ. अशोक चक्रधर ने बड़े चुटीले अंदाज में किया।
इस अवसर पर काका हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट की ओर से हास्य-कवि श्री नीरजपुरी को “काका हाथरसी हास्य-पुरस्कार” तथा “हास्यरत्न” की उपाधि से विभूषित किया गया। इसके साथ ही संगीत के विद्वान प्रो. एस. के. सक्सेना को “काका हाथरसी संगीत सम्मान” से नवाजा गया।
पुरस्कृत कवि श्री नीरजपुरी ने अपनी हास्य-कविताओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया और अनेक हास्य-कवियों ने काका के संस्मरण सुनाते हुए उनकी कविताओं का पाठ किया।
काका हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. लक्ष्मीनारायण गर्ग ने समारोह में उपस्थित श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।